Welcome To Swami Kshwanand Samiti Charitable Trust
राजस्थान के अभावग्रस्त रेगिस्तानी क्षेत्र में स्थित सीकर जिले के एक छोटे से गांव मगलूणा में बीरमा (जो बाद में स्वामी केशवानन्द के नाम से प्रसिद्ध हुए) का जन्म दिसम्बर, 1883 (पौष संवत् 1940) में एक साधारण किसान-ढाका जाट परिवार में हुआ। बीरमा के पिता ठाकरसी ढाका उसके जन्म के थोडे़ समय बाद ही खेती का काम छोड़कर अपनी पत्नी सारां और इकलौते बच्चे को लेकर बीकानेर राज्य के रतनगढ कस्बे में जा बसे थे और अपने ऊँट पर सवारियां और सामान ढोने के धन्धे से गुजारा करने लगे थे। बीरमा चार वर्ष का ही था कि उसके सिर से बाप का साया उठ गया। बीरमा की माता उसे लेकर रेगिस्तानी क्षेत्र के किसी गांव में अपनी मौसी के पास चली गई और वहां कुछ गौएं पालकर गुजारा करने लगी। रेगिस्तानी क्षेत्र में प्रायः अकाल की स्थिति बनने के कारण परिवार को अपने पशुधन के साथ गांव-गांव भटकना पड़ा। उस समय का दीन-हीन ग्रामीण कृषक समाज सामन्तों, राजाओं-नवाबों और विदेशी शासकों की तिहरी गुलामी में दबा हुआ था। more..
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